ITI के बाद पॉलिटेक्निक करने का फैसला बहुत सही हो सकता है, क्योंकि इससे आपको और भी बेहतर स्किल्स और ज्ञान प्राप्त होंगे।
आइए, जानते हैं कि ITI के बाद पॉलिटेक्निक कैसे करें ?
ITI के बाद पॉलिटेक्निक कैसे करें
आईटीआई के बाद Polytechnic करने के लिए आपको कुछ योग्यता और एग्जाम को पास करना होता है।
योग्यता
ITI के बाद पॉलिटेक्निक करने के लिए आपको न्यूनतम 10वीं कक्षा पास होना चाहिए कुछ पॉलिटेक्निक संस्थान 12वीं पास छात्रों को भी प्राथमिकता देते हैं
आपको आईटीआई NCVT से पास करना चाहिए।
एंट्रेंस एग्जाम
पॉलिटेक्निक में एडमिशन के लिए ज्यादातर राज्यों में एंट्रेंस एग्जाम होता है आपको इस एग्जाम की तैयारी करनी होगी और अच्छे अंकों के साथ इसे पास करना होगा।
पॉलिटेक्निक में एडमिशन के लिए आपको Entrance Exam का फॉर्म भरना होता है और एंट्रेंस एग्जाम को पास करना होता है।
पॉलिटेक्निक कॉलेज में हर साल Lateral Entry के नाम से फॉर्म निकलते है आपको Lateral Entry का फॉर्म भरना पड़ेगा।
एडमिशन प्रोसेस
एंट्रेंस एग्जाम के बाद मेरिट लिस्ट जारी होती है इसके आधार पर आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है। काउंसलिंग में अपनी पसंद का कोर्स और कॉलेज चुन सकते हैं।
डॉक्यूमेंटेशन
एडमिशन के समय आपके पास आवश्यक डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए, जैसे कि 10वीं और ITI की मार्कशीट, एंट्रेंस एग्जाम का स्कोरकार्ड, पहचान पत्र आदि।
ITI के बाद Polytechnic कितने साल का होता है ?
ITI के बाद पॉलिटेक्निक करने की अवधि आमतौर पर 2 से 3 साल की होती है यह आपके चुने गए कोर्स पर डिपेंड करता है आईटीआई के बाद आप पॉलिटेक्निक के सेकंड ईयर में एडमिशन ले सकते है इसके साथ ही आपको सेकंड ईयर के साथ-साथ फर्स्ट ईयर के पेपर भी पास करने होते हैं
इस कोर्स में अलग - अलग तकनीकी और इंजीनियरिंग विषयों का गहन स्टडी की जाती है, जिससे छात्रों की तकनीकी योग्यता और प्रैक्टिकल ज्ञान में वृद्धि होती है।
पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद, छात्रों को इंजीनियरिंग में डिप्लोमा मिलता है, जो उन्हें बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करता है और higher एजुकेशन के लिए भी तैयार करता है।
पॉलिटेक्निक के लिए कौन सा कोर्स सबसे अच्छा है?
पॉलिटेक्निक में कई टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग विषयों पर आधारित कई कोर्स होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कोर्स की लिस्ट निचे दी गई हैं:
- सिविल इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
- आईटी (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी)
- केमिकल इंजीनियरिंग
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- माइनिंग इंजीनियरिंग
- टेक्सटाइल इंजीनियरिंग
- मरीन इंजीनियरिंग
- प्रोडक्शन इंजीनियरिंग
- कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी
इन कोर्सों के माध्यम से छात्र अलग - अलग तकनीकी और प्रैक्टिकल स्किल्स सीखते हैं, जो उन्हें इंडस्ट्री में सफल करियर बनाने में मदद करते हैं।
ITI के बाद पॉलिटेक्निक करने के क्या फायदे है ?
उच्च शिक्षा का अवसर
पॉलिटेक्निक करने से आपको इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त होता है, जो आपको आगे की higher education के लिए तैयार करता है।
बेहतर नौकरी के अवसर
पॉलिटेक्निक के बाद आपको industry में बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं, क्योंकि आपकी तकनीकी योग्यता और भी बढ़ जाती है।
प्रैक्टिकल ज्ञान
पॉलिटेक्निक में आपको थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी मिलता है, जिससे आपकी स्किल्स और भी उन्नत होती हैं।
पॉलिटेक्निक कॉलेज में फीस कितनी होती है ?
पॉलिटेक्निक कॉलेज में फीस कई बातों पर डिपेंड करती है, जैसे:
कॉलेज का प्रकार
सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में फीस आमतौर पर कम होती है, जबकि प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में फीस ज़्यादा हो सकती है।
कोर्स
कुछ कोर्स, जैसे इंजीनियरिंग, में अन्य कोर्स की तुलना में ज़्यादा फीस हो सकती है।
राज्य
अलग - अलग राज्यों में पॉलिटेक्निक कॉलेजों की फीस भी अलग-अलग होती है। सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में, फीस आमतौर पर ₹5,000 से ₹20,000 प्रति वर्ष के बीच होती है और प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में, फीस ₹50,000 से ₹2 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है।
ध्यान दें कि यह केवल अनुमानित आंकड़े हैं fees की सही जानकारी के लिए आपको अपने चुने हुए कॉलेज से कांटेक्ट करना चाहिए।
पॉलिटेक्निक करने के बाद की सैलरी कितनी होती है?
पॉलिटेक्निक करने के बाद मिलने वाली सैलरी कई बातों पर depend करती है
कोर्स
कुछ कोर्स, जैसे इंजीनियरिंग, में अन्य कोर्स की तुलना में ज़्यादा सैलरी हो सकती है।
विद्यार्थी की योग्यता
ज्यादा अंक और अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सामान्यतः अच्छी सैलरी मिलती है।
नौकरी का क्षेत्र
अलग - अलग क्षेत्रों में सैलरी का लेवल भी अलग-अलग होता है।
कंपनी
बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां आमतौर पर छोटी कंपनियों की तुलना में ज़्यादा सैलरी देती हैं औसतन, एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारक को भारत में ₹15,000 से ₹30,000 प्रति माह की सैलरी मिल सकती है। हालांकि, यह केवल एक अनुमान है और आपकी वास्तविक सैलरी इन ऊपर दिए गए फैक्टर पर निर्भर करेगी।
निचे पॉलिटेक्निक डिप्लोमा की सैलरी के कुछ उदाहरण दिए गए हैं
इंजीनियरिंग डिप्लोमा होल्डर की सैलरी - ₹20,000 से ₹40,000 प्रति माह
कंप्यूटर साइंस डिप्लोमा होल्डर की सैलरी - ₹15,000 से ₹30,000 प्रति माह
सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा होल्डर की सैलरी - ₹18,000 से ₹35,000 प्रति माह
ITI और पॉलिटेक्निक में क्या अंतर है ?
ITI (Industrial Training Institute) - ITI कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक ट्रेनिंग देना है, ताकि वे उद्योग में तुरंत काम करने के लिए तैयार हो सकें ITI कोर्स की अवधि आमतौर पर 1 से 2 साल होती है।
पॉलिटेक्निक (Polytechnic) - पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है, जिसमें छात्र अलग - अलग इंजीनियरिंग और तकनीकी विषयों में स्टडी करते हैं। यह कोर्स 3 साल का होता है और इसमें छात्रों को गहन तकनीकी शिक्षा दी जाती है।
ITI के बाद पॉलिटेक्निक करना एक ग्रेट स्टेप हो सकता है, जो आपके करियर को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है
इससे न केवल आपकी स्किल्स में निखार आएगा, बल्कि आपको इंडस्ट्री में उच्च पोस्टो पर नौकरी पाने के मौके भी मिलेंगे तो दोस्तों, अगर आप ITI के बाद पॉलिटेक्निक करने का सोच रहे हैं, तो देर न करें और तैयारी शुरू कर दें।
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको ITI के बाद पॉलिटेक्निक कैसे करें, इस बारे में क्लियर जानकारी मिल गई होगी
अगर आपके पास और भी सवाल हैं, तो हमें कमेंट में जरूर बताएं हम आपके सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं!
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